SAVE NATURE

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  अभी तक मानव की। गतिविधियों का प्रभाव। व्यापक रूप से   मानव अनुकूल भूखंड पर देखा गया है। परन्तु प्रस्तुत हालिया रिपोर्ट से यह ज्ञात होता है।  कि कार्बन उत्सर्जन के चलते। पृथ्वी के दो बड़े हिमखंड? आर्कटिक एवं अंटार्कटिक क्षेत्र में निवास करने वाले जीवो पर इसका प्रभाव खुले तौर पर देखने को मिला है। जलवायु परिवर्तन से यहाँ की जैव विविधता प्रभावित हुई है। अंटार्कटिका महाद्वीप में पाए जानेवाले ध्रुवीय भालू की संख्या में गिरावट दर्ज की गई। ये स्थिति  आर्कटिक क्षेत्र की भी है।  एक दशक में यहाँ पाए जाने वाले भालुओं की संख्या में 20 से 30 प्रतिशत की कमी देखी गई। समुद्री बर्फ़ जो इनके जीवन अस्तित्व के लिए आवश्यक है।  बढ़ते तापमान के कारण पिघल रही है जो यहाँ के पारिस्थितिकी के लिए एक खतरा है।  ध्रुवीय भालुओं का मुख्य भोजन यहाँ पर पाए जाने वाली सील पर निर्भर है। जिसकी संख्या में भी कमी देखी गई। बर्फ़ के पिघलने से यहाँ की जैव विविधता में असामयिक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। अंटार्कटिक महाद्वीप में एम्परर पैंग्विन के विलुप्त होने की संभावना जताई गई है। ...

कविता

(1/3.)

 "बारिश का मजा तब है ,जब जिंदगी  waterproof  ना हो"

 पक्के मकानों की छतें बारिशों में बदला नहीं करती ,

ये तो गांव की मासूमियत है साहब,

जिंदा रखा है खपरैल के वजूद  को अभी तक,

वरना मिले तो मिट्टी की भी चलती हैं ।।


 

( 2/3.)तू गगन का एक तारा ,है अनोखा सबसे प्यारा।

किस गगन में छुप गया तू, देख तो संसार सारा।

तुझको पुकार है ये कहता, आजा यारा आजा यारा।

सर्दी की रुत है आई,साथ में गलनांक लाई।

गल तो सुन ले अब हमारी, गलन से आत्मा भी हारी।

बुड्ढे भी तुझसे हैं कहते, चाय ना हमको है प्यारी।

सुनले ये विनती हमारी- सुनले ये विनती हमारी।

( 3/3.)

सैर कर दुनिया की परिंदे ,रुत की चिंता तू न कर।

 रुत कि अब औकात क्या, जो तेरे पंखों को दे कतर।

 रुत है सर्दी की लेकिन ,कोहरा भी अब छा गया।

 तेरे चल पंखों को देखकर, मौसम भी घबरा गया।

 चल तू अविरल, संसार के इस पथ सरल पर।

 वृक्ष भी तुझसे है कहते, रुक न जाना तू कहीं थक-कर।

हौसला रख ,तेरे पंखों में है वो दम ।

हर मंजिल मिल जाएगी, रखता जा तू एक एक कदम।

Nai rahe

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